Tuesday, 18 March 2014

अलसी (Alsi or Flax Seeds)

















अलसी (Alsi or Flax Seeds) 

तिल के बीज से थोड़े बड़े आकार में होती है. खाने में इसका प्रयोग बेक की जाने वाली रेसिपी पर ऊपर छिडक कर या इसे पीस कर लड्डूओं, या कुकीज, केक आदि में प्रयोग किया जाता है. यदि आप बिना अंडे के केक आदि बनाना चाहते है तो अंडे के विकल्प के रूप में भी अलसी के पिसे हुए चूरे को या अलसी के बीज को भिगो पर पीसकर प्रयोग कर सकते हैं.
इसमें प्रोटीन, फाइबर, लिग्नन, ओमेगा-३ फेटी एसिड, विटामिन बी ग्रुप, मैग्नीशियम, केल्शियम, जिंक, सेलेनियम, आदि तत्व होते हैं. अश्वगंधा व हरी सब्जियों में पाया जाने वाला विटामिन नियासीन भी अलसी में प्रचुरता से होता है,
अलसी के बीज के चूरे को रोटी, दूध, दाल या सब्जी की ग्रेवी में मिलाकर खाया जा सकता है. प्रति व्यक्ति पांच ग्राम से दस ग्राम तक अलसी का खाना स्वास्थ्य के लिये गुणकारी रहता है.
अलसी रक्तचाप को संतुलित रखती है, कॉलेस्ट्रॉल (LDL-Cholesterol) की मात्रा को कम करती है, दिल की धमनियों में खून के थक्के बनने से रोकती है, हृदयाघात व स्ट्रोक जैसी बीमारियों से बचाव करती है, हृदय की गति को नियंत्रित रखती है और वेन्ट्रीकुलर एरिदमिया से होने वाली मृत्युदर को बहुत कम करती है. यह कब्ज और बबासीर के लिये बहुत कारगर है. अलसी के एंटी-ऑक्सीडेंट ओमेगा-3 व लिगनेन त्वचा के कोलेजन की रक्षा करते हैं जिससे त्वचा आकर्षक, कोमल, नम व बेदाग रहती है. यह स्वस्थ त्वचा जड़ों को भरपूर पोषण दे कर बालों को भी स्वस्थ, चमकदार व मजबूत बनाती है.

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