वायरल बुखार से बचने का बहुत सरल घरेलु नुस्खा
मौसम में बदलाव के साथ ही शरीर में भी कई प्रकार के बदलाव शुरू हो जाते हैं और गर्मी के मौसम में वायरल बुखार से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं। वैसे तो वायरल फीवर के लक्षण अन्य आम फीवर के तरह ही होते हैं मगर इसको नजर अंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। यह बुखार बच्चों व बडों को समान रूप से प्रभावित करता है। वायरल में संक्रमण की स्थिति कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकती है। वायरल में कई लोग खाना-पीना छोड देते हैं। लेकिन खाना छोडने से बीमारी और बढ सकती है। इसलिए जहां तक संभव हो वायरल में खाना खाएं और डिहाइडेशन से बचने के लिए पानी पीते रहें।
लक्षण
इस बुखार में शरीर का ताप 101 डिग्री से 103 डिग्री या और ज्यादा भी हो जाता है
खांसी और जुकाम होना
जोड़ों में दर्द और सूजन होना
थकान और गले में दर्द होना
नाक बहना होना
बदन दर्द होना
भूख न लगना
लेटने के बाद उठने में कमजोरी महसूस करना
सिरदर्द होना
बचाव विधि
आधुनिक खोज से इस बात की पुष्टि हुई हा की प्याज में ऐसे तत्वों की उपस्थिति है जो वायरल बुखार के कीटाणुओं को नष्ट करने की शक्ति रखते है। यदी आप अपने कमरे में प्याज काटकर रख दें तो आप वायरल-प्रकोप से अवश्य बच सकते है चाहे उस कमरे में वायरल रोग से पीड़ित या संभावित कितने भी लोग मिलने आवें। साथ ही कच्चा प्याज खाना भी लाभप्रद है। कच्चे प्याज का सेवन न केवल वायरल बुखार बल्कि हैजा, मलेरिया, लू आदि से बचने के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ है।
विकल्प
यदि 4-5 तुलसी की पत्तियां पानी से धोकर, आधा से एक ग्राम दालचीनी सहित, चाय में डालकर गर्म-गर्म दिन में दो बार ली जाये तो मौसमी ज्वर वायरल से बचा जा सकता है।
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