Monday 21 March 2016

गृध्रसी या सायटिका


















पैर में असहनीय दर्द - गृध्रसी या सायटिका

सायटिका एक तरह का भयानक दर्द है जिसका मुख्य कारण सायटिक नर्व है। यह वो नर्व है जो रीढ़ के निम्न भाग से निकलकर घुटने के पीछे की ओर से पैर की तरफ जाती है। शरीर को अधिक समय तक एक ही स्थिति में रखने से यह दर्द बढ़ जाता है यह दर्द बहुत असहनीय होता है। अक्सर यह समस्या उन लोगों में होती है जो बहुत समय तक बैठ कर काम करते हैं या बहुत अधिक चलते रहने से अत्यधिक साइकिल, मोटर साइकिल अथवा स्कूटर चलाने से सायटिका नर्व पर दबाव पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अचानक हड्डियों पर जोर पड़ जाने से भी इस प्रकार का दर्द होता है। इस प्रकार का दर्द अकसर 40 से 50 वर्ष की उम्र में होता है और यह बीमारी बरसात या ठंड के मौसम में ज्यादा तकलीफ देती है। 

अगर आप भी सायटिका दर्द से परेशान है तो कुछ ऐसे आयुर्वेदिक प्रयोग जिनसे सायटिका दर्द जल्द ही ठीक हो जाएगा।

आयुर्वेदिक प्रयोग :- 

मीठी सुरंजन 20 ग्राम
सनाय 20 ग्राम
सौंफ़ 20 ग्राम 
शोधित गंधक 20 ग्राम 
मेदा लकड़ी 20 ग्राम 
छोटी हरड़ 20 ग्राम 
सेंधा नमक 20 ग्राम 

इन सभी को लेकर मजबूत हाथों से घोंट लें व दिन में तीन बार तीन-तीन ग्राम गर्म जल से लीजिये।

लौहभस्म 20 ग्राम 
रस सिंदूर 20 ग्राम 
विषतिंदुक बटी 10 ग्राम 
त्रिकटु चूर्ण 20 ग्राम 

इन सबको अदरक के रस के साथ घोंट कर 250 मिलीग्राम के वजन की गोलियां बना लीजिये और दो दो गोली दिन में तीन बार गर्म जल से लीजिये।

50 पत्ते परिजात या हारसिंगार
50 पत्ते निर्गुण्डी के

लाकर एक लीटर पानी में उबालें। जब यह पानी 750 मिली हो जाए तो इसमें एक ग्राम केसर मिलाकर उसे एक बोतल में भर लें। 
यह पानी सुबह शाम 3/4 कप मात्रा में दोनों टाइम पीएं। साथ ही दो-दो गोली वातविध्वंसक वटी की भी लें।

दर्द के समय गुनगुने पानी से नहायें ।
आप सन बाथ भी ले सकते हैं, अपने आपको ठंड से बचाएं।

सुबह व्यायाम करें या सैर पर जायें ।
अधिक समय तक एक ही स्थिति में ना बैठें या खड़े हों। 
अगर आप आफिस में हैं तो बैठते समय अपने पैरों को हिलाते डुलाते रहें।

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