तिल अथवा नारियल का तेल 250 ग्राम लें। सवा किलोग्राम लौकी (दूधी) लेकर उसको छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पीसें और महीन कपड़े से मजबूती से छानकर उसका पानी निकाल लें।
तेल को एक बर्तन में धीमी आँच पर उबालें। जब थोड़ा गर्म हो जाय तब उसमें लौकी का निकाला हुआ पानी धीरे-धीरे डाल दें। अब दोनों को उबलने दें। जब सारा पानी जल जाय तब तेल को उतारकर ठण्डा होने के लिए रख दें। ठण्डा होने पर उसे एक बोतल में भरकर रख लें।
यह तेल बादाम रोगन (बादाम का तेल) का छोटा भाई कहलाता है। सप्ताह में एक दो बार शरीर पर इस तेल की मालिश करने से बहुत लाभ होते हैं। संक्षेप में, इससे स्मरणशक्ति बढ़ती है, मस्तिष्क में ठण्डक रहती है और दिमाग को बल मिलता है।
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