मुँह का लकवा :-
रोगी को रसराज एक ग्राम, शुद्ध कुचला 2 ग्राम, एकांगवीर रास 2 ग्राम, वात गजांकुश रेड 3 ग्राम और अज्मोदादि चूर्ण 10 ग्राम। ये सभी औषधियां खरल में डालकर पीस ले।
अब इनकी 10 पूड़ियाँ बनाकर सुबह शाम एक एक पुड़िया शहद से दें। त्रयोदशांग गुग्गल और पुनर्नवादि मण्डूर दोनों की एक एक गोली दिन में 2 बार सुबह 10 बजे व शाम को 5 बजे पानी से सेवन कराएं।
परहेज :- तली हुई वस्तुऍं, लाल मिर्च, गुड़, शक्कर, अचार, चाय, दही, छाछ, मक्खन, अरबी, भिन्डी, गोभी, मटर, उड़द की दाल आदि निषिद्ध हैं ।
रोगी को मिस्सी रोटी व शुद्ध घी का सेवन ज्यादा कराएं। शहद का सेवन भी ज्यादा कराएं । भुने हुए चने का सेवन भी काफी लाभकारी रहता है
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