Saturday, 23 April 2016

गर्मी के मौसम में खुद का बचाव करें


















गर्मी के मौसम में खुद का बचाव करें 

गर्मी का मौसम आ गया है और सूरज अपनी प्रखर किरणों की तीव्रता से संसार के जलियांश को सुखा कर वायु में रूखापन और ताप बढ़ा कर मनुष्यों के शरीर के ताप की भी वृद्धि कर रहा है।

गर्मी में लापरवाही के कारण शरीर में निर्जलीकरण (dehydration), लू लगना, चक्कर आना, घबराहट होना, नकसीर आना, उलटी-दस्त, sun-burn, घमोरियों जैसी कई बीमारियां हो जाती हैं।

गर्मी के मौसम में खुले शरीर, नंगे सर, नंगे पाँव धूप में चलना , तेज गर्मी में घर से खाली पेट या प्यासा बाहर जाना, कूलर या AC से निकल कर तुरंत धूप में जाना, बाहर धुप से आकर तुरंत ठंडा पानी पीना, सीधे कूलर या AC में बैठना, तेज मिर्च-मसाले, अत्यधिक गर्म खाना, चाय, शराब इत्यादि का सेवन ज्यादा करना, सूती और ढीले कपड़ो की जगह सिंथेटिक और कसे हुए कपडे पहनना इत्यादि कारण गर्मी से होने वाले रोगों को पैदा कर सकते हैं।

हम कुछ छोटी-छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखकर, इन सबसे बचे रहकर, गर्मी का आनंद ले सकते हैं। क्योंकि उपचार से बचाव बेहतर होता है, है न !! तो चलिए हम कुछ वचाव के तरीके जानते हैं ।

गर्मी में सूरज अपनी प्रखर किरणों से जगत के स्नेह को पीता रहता है, इसलिए गर्मी में मधुर, शीतल, द्रव तथा हल्का खान-पान हितकर होता है। गर्मी में जब भी घर से निकले, कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले, खाली पेट नहीं ।

गर्मी में ज्यादा भारी गरिष्ठ और बासी भोजन न करे, क्योंकि गर्मी में शरीर की जठराग्नि मंद रहती है। इसलिए वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उलटी-दस्त की शिकायत हो सकती है ।

गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये। चेहरा और सर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये। बाजारू ठंडी चीजें नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये।

ठंडा मतलब आम का पना, खस,चन्दन गुलाब फालसा संतरा का शर्बत, ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी, मट्ठा, गुलकंद का सेवन करना चाहिये ।
इनके अलावा लौकी, ककड़ी, खीरा, तोरी, पालक, पुदीना ,नीबू, तरबूज आदि का सेवन अधिक करना चाहिये । प्रतिदिन कम से कम चार से पांच लीटर पानी पीजिये ।

तरबूज के बीज, चीनी, केसर, इलायची को पीस कर पाउडर बना लें और रख लें। जब भी खुद दूध पिएं या किसी को पीने के लिए दें तो उसमें एक चम्मच यह पाउडर मिला दें। इससे भी गर्मी नहीं लगेगी और शरीर हमेशा ठंडा बना रहेगा।

दूध में पिसी इलायची और गुलाब की पिसी हुई पत्तियां मिलाकर उसे उबाल लें। फिर ठंडा करके फ्रिज में रख दें। गर्मी में नाश्ते के बाद अगर यह मिश्रण पी लिया जाए तो सारा दिन धूप का असर नहीं होता। शरीर में ठंडक बनी रहती है।

पुदीने की पत्तियों को सुखाकर उनका चूरा बनाकर घर में रख लेना चाहिए। इसे दही में मिलाकर खाने से गर्मी से काफी बचाव होता है।
अगर आपको या आपके परिवार में किसी को गर्मी की वजह से सिरदर्द हो तो उसे दस बादाम चबाकर खाने को कहिए। इससे सामान्य सिरदर्द कुछ मिनटों में भाग जाता है। और अगर इससे भी राहत न आए तो उंगलियों को लौंग के तेल में डुबोकर लगातार इनसे सिर के उस हिस्से पर लगाएं, जहां दर्द है। इससे तो दर्द शर्तिया छूमंतर हो जाएगा ।

गर्मी में चेहरे की चमक कहीं दूर भाग जाती है। ग्लो की जगह कालिमा घेर लेती है। किसी किसी की त्वचा पर दाने से निकल आते हैं। इसके लिए नारियल पानी में तरबूज और संतरे का गूदा (मैश करके) मिला लें और इसे चेहरे पर लगाकर गुनगुने पानी से चेहरा धो दें। चेहरे की चमक बरकरार रहेगी। नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें। इस पानी को छानकर रख लें। इसे चेहरे या हाथ पैरों पर लगाकर धोने से झाइंयों, कालिमा और दानों से बचाव होता है।

इन कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर गर्मी की गर्मी से हम स्वयं को बचा सकते हैं ।

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