Monday, 9 June 2014

डेंगू का उपचार

डेंगू का उपचार
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आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है,
जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई
इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और
वो इतना सरल और सस्ता है की उसे कोई
भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे
दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट
की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ
लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए
तो रोगी की मृत्यु
भी सकती है l
यदि आपके किसी भी जानकार को यह रोग
हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम
होती जा रही हो तो यहाँ दी गयी चार
चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
- अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने
तथा रोगी की रोग से लड़ने
की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस
आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले
तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है,
पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है
उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर
मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन
की खुराक के बाद ही प्लेटलेट
की संक्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में
२-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट
की संख्या बढती है, रोग से लड़ने
की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश
होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले
तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय
में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें
जिसकी एक एक
गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य
करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में
थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद
हो जाएंगी l
ये
रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है
तब भी यह चीज़ें
रोगी की बिना किसी डर के
दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये
उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग
जल्दी ख़त्म होता है l
रोगी के खान पान का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि बिना खान पान
कोई दवाई असर नहीं करती l

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