आयुर्वेदिक कूकिंग!
आज कल कूकरी शोज़ की और रेसिपीज़ की भरमार है . पर हम खाना पकाने में आयुर्वेदिक सिद्धांतों की पूरी तरह से अवहेलना कर देते हैं , जिसकी वजह से आज स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याएँ आ रही है .अगर कोई ऐसी बिमारी है जो वर्षों से ठीक नहीं हो रही तो खाने में ये आजमा कर देखे .
– सूप बनाते समय उसमे दूध नहीं डाले .
– दही खट्टा हो तो उसमे दूध नहीं डाले .
– ओट्स पकाते समय उसमे दूध दही साथ साथ न डाले .
– चाय कॉफ़ी में शहद ना डाले .
– पूरी , भटूरे , मिठाइयां डालडा घी में ना बना कर शुद्ध घी में बनाए .
– नमकीन चावलों में , सब्जी की करी में दूध न डाले .
– खट्टे फलों के साथ , फ्रूट सलाद में क्रीम या दूध न डाले .
– दही बड़ा विरुद्ध आहार है .
– ४ बजे के बाद केले , दही , शरबत , आइसक्रीम आदि का सेवन ना करे .
– आटा लगाने के लिए दूध का इस्तेमाल ना करे .
– गर्मियों में हरी मिर्च और सर्दियों में लाल मिर्च ला सेवन करे .
– सुबह ठंडी तासीर की और शाम के बाद गर्म तासीर के खाने का सेवन करे.
– पकौड़ों के साथ चाय या मिल्क शेक नहीं गरम कढ़ी ले .
– फलों को सुबह नाश्ते के पहले खाए. किसी अन्य खाने के साथ मिलाकर ना ले. कच्चा सलाद भी खाने के पहले खा ले .
– दही वाले रायते को हिंग जीरे का तडका अवश्य लगाएं .
– दाल में एक चम्मच घी अवश्य डाले .
– खाली पेट पान का सेवन ना करे .
– खाने के साथ पानी नहीं ज़्यादा पानी डाला छाछ या ज्यूस या सूप पियें .
– अत्याधिक नमक और खट्टे पदार्थ सेहत के लिए ठीक नहीं .
– बघार लगाने में खूब हिंग , जीरा , सौंफ , मेथीदाना , धनिया पावडर , अजवाइन आदि का प्रयोग करें .
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