Tuesday 28 July 2015

गले में खराश के घरेलू उपचार


















गले के खराब या गले में खराश के घरेलू उपचार

गला खराब होना या गले में खराश रहना एक आम समस्या है। बदलता मौसम, प्रदूषित हवा, गलत खान-पान, अधिक ठंडे पदार्थ खाना-पीना और किसी बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में रहने से गले में खराश और दर्द होने की समस्या पैदा होती है। अपने गले का ध्यान रखना बहुत जरूरी है नहीं तो इसके कारण अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए हम आप को बताते है कुछ सरल घरेलू उपाय जिनको अपना कर आप अपने गले की देखभाल कर सकते हैं।

गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरन्त बाद कुछ ठंडा न लें। गर्म चाय या गुनगुना पानी पिएं जिससे गले को आराम मिलेगा।

कच्चा सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस चुसते रहें। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाएगा।

खराश या सूखी खाँसी के लिये पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।

रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है।

जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, वह सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होगा।

1 कप पानी में 4-5 कालीमिर्च एवं तुलसी की थोंडी सी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पी जाए।
रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं। गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं।

गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते है।

पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें। इससे भी आराम मिलता है।

काली मिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।

गले मे खराश हो तो इलायची चबाएं और गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है।

गले की खराश, या गले मे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन हो, गला बैठ गया है, पानी पिने मे भी तकलीफ हो रही है, लार निकलने मे भी तकलीफ हो रही है, आवाज भरी हो गयी है. इन सबके लिए एक ग्लास देशी गाय का दूध, एक चम्मच देशी गाय का घी और चौथाई चम्मच हल्दी को मिलाके कुछ देर उबालना है फिर उसको सिप सिप करके चाय की तरह पिए ।

पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ होता है।

यदि आप सर्दी, कफ या खराश से पीडित हैं तो आप ताजे प्याज का रस पीजिये। इसमें गुड या फिर शहद मिलाया जा सकता है।

गले में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है।
प्राणायाम : - भ्रामरी प्राणायाम इस के लिए रामबाण हैं, जो लोग ऐसी बीमारियो से नित्य प्रतिदिन ग्रसित रहते हैं, भ्रामरी हर रोज़ १० से १५ मिनट करने से वो इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।

मांस, रूखा भोजन, सुपारी, खटाई, मछली, उड़द इन चीजों से परहेज करें।
इन सब घरेलू उपायों को अपनाकर आप भी अपने गले का इलाज घर पर ही कर सकते हैं।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.