Friday 10 July 2015

हैजा या फूडपाइजनिंग














हैजा या फूडपाइजनिंग

जैसे जैसे गर्मियां खत्म होने लगती है और बरसात का मौसम आता है इस समय में मौसम के परिवर्तन के साथ बीमारियां भी शरीर में लगने लगती हैं इनमें से एक बीमारी है फूड पाइजनिंग। जो खान पान में ठीक तरह से ध्यान न दे पाने के कारण होती है। यानि खाने वाली चीजों में साफ सफाई का ध्यान न देना। फूड पाॅइजनिंग की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

फूड पाइजनिंग के लक्षण(symptoms of food poisoning)

फूड पाइजनिंग में रोगी के पेट में दर्द का होना, बुखार का आना, दस्त और उल्टी का लगना, चक्कर आना और बदन दर्द का होना आदि लक्षण होते हैं। जिससे रोगी परेशान हो जाता है।

कैसे बचें फूडपाइजनिंग से 

1. किसी भी प्रकार की कच्ची सब्जी को अच्छी तरह से धो कर ही उसका साक बनाएं।
2. खाना बनाने वाले बर्तन और खाना खाने वाले बर्तनों को अच्छी तरह से साफ करें।
3. बाजार की किसी भी तरह की तली हुई चीजों और खुले में खाने से परहेज ही रखें। जैसे पानीपुरी, टिक्की और चाउमिन आदि।
4. शौच के बाद हाथों को साबुन से साफ करके धोएं।
5. बासी खाना खाने से परहेज ही करें। क्योंकि ज्यादातर फूडपाॅइजिनंग बासी खाना खाने की वजह से होती है।
6. आफिस या कहीं घूमने जाने के लिए गरम और ताजा खाना ही पैक करके रखें। 
7. किसी भी दुकान से खाने की चीज खरीदते वक्त उसकी एक्स्पायरी डेट देखना न भूलें।

उपचार 
1. यदि उल्टी अधिक हो रही हो तो मेथी दाना को 1 चम्मच दही में मिलाकर सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है।
2. फूडपाइजनिंग में नींबू और थोड़ा नमक को गुनगुने पानी के साथ पीने से राहत मिलती है।
3. पानी को अधिक से अधिक पीएं। 
4. पेट खराब हो और दस्त लग जाएं तो काली चाय का सेवन करें। 
5. मठ्ठे में पानी और 1 चम्मच मेथी दाना डालकर सेवन करें।

यदि इन सब उपायों के बाद भी रोगी को राहत न मिलें और पेट में दर्द तेज हो, कमजोरी के वजह से चक्कर आ जाए, या उल्टी के दौरान खून आने लगे तो तुरंत बिना देर किए रोगी को डाक्टर के पास ले जाएं।

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