मोटापा / वजन कैसे घटायें :
अगर कोई एक समस्या जिसपर सबसे अधिक प्रश्न, मुझसे / यहाँ पूछे जाते हैं - वो है अधिक वजन, या मोटापा. इससे पहिले कि मैं इस पर कुछ बताऊँ, कुछ बातें जो हम सब को सपष्ट होनी चाहियें, वो है :
1) वजन एक दिन में न बढ़ता है, न घटता है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। येह कोई 'कोर्स' नहीं है, जो 1-2-3 महीने किया और फल मिल गया - यानि कि कुछ सीख लिया और जीवन भर याद रहेगा। यह कार्य झटकों में नहीं होता. सहज - सब्र से निरंतर अनुशासन में रहने से होता है।
2) शरीर एक गुल्लक की तरह है - अगर डालेंगें ज़्यादा और निकालेंगे कम, तो जमा तो होगा ही। कोई दवा ऐसी नहीं है जिसे लेने से यह प्रक्रिया बदल जाये - कुछ हैं भी तो उनकी अपनी हानियाँ हैं।
3) अधिकतर लोगों के मामले में उक्त हिसाब सही चलता है। बहुत कम लोग हैं, जो या तो बहुत कम खाते हैं और वजन बढ़ता जाता है, या पूरा खाते हैं, और वजन कम होता जाता है। ऐसे मामलों में चिकित्सीय जांच आवश्यक है, जिसमें T-3, T-4 और Tsh शामिल हैं। मेरा थायरोड के उपर एक विस्तृत लेख आप कृपया देखें।
4) वजन अकेले खाने से नहीं, अपितु परिश्रम से भी जुड़ा है। नियमित और सही व्यायाम भी उतना ही आवश्यक है, जितना सही खान-पान.
5) हमारा लक्ष्य हमें स्पष्ट होना चाहिये - वो होना चाहिये अच्छा स्वास्थ्य - न कि पतले या मोटे होना. हालांकि कुछ के लिये विशेष कारणों से यह लक्ष्य हो सकते हैं।
6) वजन घटाने के लिये खाना नियमित किया जाता है - छोड़ा नहीं जाता. न भूखे रहना संभव है - न इसका कोई लाभ है. मैने वजन घटाने के चक्कर में कई लोगों को 6 महीनों में 6 वर्ष जितना बूढ़े होते देखा है। विशेष तौर पर नाश्ता छोड़ देना बिल्कुल गलत है. जो लोग एक समय का खाना छोड़ देते हैं - उनके पेट बड़े हो जाते हैं।
अब प्रश्न उठता है कि क्या करें :
7) चीनी, घी-तेल, नमक और मैदा - इनकी शरीर को अलग से कोई आवश्यकता नहीं है। पहली तीन चीजें हमें प्राकृतिक रूप से दूध, अनाज, फल, सब्जियों आदि से मिल जाती हैं। ये चीजें हम केवल स्वाद के लिये ही खाते हैं। अतः इनकी मात्रा कम से कम रखनी चाहिये. 25-30 कि आयु के बाद तो हमें धीमे-2 इनको बहुत कम कर दें, तो बहुत ही अच्छा हो। इससे हमें कई अन्य रोगों से भी बचे रहने में भी सहायता मिलेगी, जैसे रक्तचाप, हृदय, आदि।
बहुत कम लोग जानते हैं कि नमक घटाने से वजन और मोटापे में तुरंत कमी आती है, जबकि घी आदि घटा कर समय लगता है। क्योंकि नमक घटाने से शरीर में द्रव्य काम मात्रा में रुकते हैं और इसका प्रभाव तुरंत दिखाई देता है।
8) खाना 4-6 बार में बांट कर खायें। इनमें 2-3 बार साधारण भोजन. अन्य में सलाद, उबली सब्जियां, फल, भुने या उबले चने आदि शामिल हों। इसके अतिरिक्त बीच में कुछ न खायें.
पानी खूब पियें.
9) गेहूं के आटे को थोडा मोटा पिसवायें और उसमें स्वादनुसार चने. साबूत मूंग, जऔ, सोयाबीन, मक्का का आटा मिला कर रोटी बनायें। कभी-2 रोटी में मूली, मूली के पत्ते, पालक, मेथी, बथुआ आदि भर के बनायें।
10) 1 घंटा रोज़ हलका व्यायाम करें, जिसमें सैर, योग, प्राणायाम शामिल हों। अगर एक बार में इतना समय न निकले, या थक जाते हों तो 2,3 या 4 बार में करें।
11) फ्रिज के पानी और ठंडी चीजों से परहेज रखें। हो सके 12) सुबह और शाम गुनगुने पानी में एक नींबू और एक चम्मच शहद डाल कर पीएं। अगर मधुमेह है तो शहद न डालें।
13) इन दो में से एक करें :
- एक चम्मच इसबगोल आधा गिलास पानी में 5 मिनट के लिये भिगोकर खाना खाने के 1/2 घंटा पहिले पी लें और इसके बाद 1/2 या 1 गिलास पानी और पी लें। ऐसा दिन में 2-3 बार करें।
- एक चम्मच त्रिफला रात को एक गिलास पानी में भिगो दें. सुबह उसे 5-10 मिनट उबालकर पी जायें। ऐसे ही सुबह भिगोकर शाम को पी लें . आधा घंटा तक और कुछ न लें।
तो गुनगुना पानी प्रयोग करें।
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