Sunday, 15 February 2015

धातु क्षीणता


















धातु क्षीणता

जो पुरुष जन्मजात नपुंसक होता है, उसे सहज क्लैब्य कहते हैं। आयुर्वेद ने मुख्य रूप से नपुंसकता के ये सात कारण बताए हैं। सहज और शिराच्छेदजन्य क्लैब्यता असाध्य यानी लाइलाज और बाकी पांचों प्रकार की नपुंसकता साध्य यानी इलाज द्वारा ठीक की जा सकने वाली है।
इस प्रकार की हास्यास्पद स्थिति से बचने व बीमारी का इलाज करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार यहां दिए जा रहे हैं-

(1) नपुंसकता नष्ट करने के लिए जायफल, लौंग, कपूर और काली मिर्च 40-40 ग्राम, मकरध्वज 5 ग्राम, केसर 1 ग्राम सबको बारीक कूट-पीसकर खरल करके पान के रस के साथ घुटाई करें और आधा-आध ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। रात को सोते समय दो चम्मच या एक चम्मच मक्खन के साथ एक गोली खाकर ऊपर से एक गिलास मीठा कुनकुना गर्म दूध पिएं, जब शाम का भोजन किए हुए दो-ढाई घंटे हो चुके हों। यह बहुत ही बलवीर्यवर्द्धक नुस्खा है।

(2) असगन्ध 100 ग्राम, गिलोय 50 ग्राम और गिलोयसत 10 ग्राम तीनों को कूट-पीसकर मिला लें। आधा चम्मच चूर्ण, आधा चम्मच शुद्ध घी और दो चम्मच शहद मिलाकर चाट लें और ऊपर से मिश्री मिला ठंडा किया हुआ दूध पिएं। शीतकाल के दिनों में कम से कम 60 दिन सुबह-शाम यह नुस्खा सेवन करना चाहिए।

(3) सफेद मुसली, गोखरू बड़ा, तालमखाना और तावरी 50-50 ग्राम सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें और पिसी हुई मिश्री 100 ग्राम लेकर सबको मिला लें। सुबह-शाम इस चूर्ण को 1-1 चम्मच मात्रा में मीठे कुनकुने गर्म दूध के साथ सेवन करें। यह नुस्खा नपुंसकता, ध्वजभंग, शुक्रमेह, शुक्र की उष्णता व पतलापन, पेशाब की रुकावट और जलन आदि व्याधियां नष्ट कर शरीर को सशक्त बनाने और पौरुष बल की वृद्धि करने में सफल सिद्ध हुआ है।

(4) बड़े गोखरू, तालमखाना, शतावरी, कौंच के छिलकेरहित बीज, नागबला और अतिबला सब 50-50 ग्राम और मिश्री 150 ग्राम, सभी को कूट-पीसकर अच्छा महीन चूर्ण कर लें। सुबह-शाम 1-1 चम्मच चूर्ण फांककर ऊपर से कुनकुना मीठा दूध पिएं। यह नुस्खा बिना कोई हानि किए नपुंसकता को नष्ट करने वाला और पर्याप्त यौन शक्ति प्रदान करने वाला आयुर्वेदिक टॉनिक है। नियमों का पालन कर कम से कम 60 दिन इस नुस्खे का नियमित रूप से सेवन करें और स्वयं परिणाम देख लें। यह परीक्षित और सफल सिद्ध नुस्खा है।

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