दालचीनी (Cinnamon bark)-
दालचीनी का प्रयोग सर्वत्र मसालों के रूप में किया जाता है | भारत में मुख्यतः तमिलनाडु,कर्नाटक एवं केरल में इसकी खेती की जाती है | दालचीनी की छाल तेजपात की छाल से अधिक पतली,पीली व अधिक सुगन्धित तथा स्वादयुक्त होती है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से दिसंबर तक होता है |
आइये जानते हैं दालचीनी के कुछ औषधीय गुणों के विषय में -
१- दालचीनी के तेल को मस्तक पर मलने से सर्दी की वजह से होने वाला सिरदर्द मिट जाता है |
२- दालचीनी का तेल आँखों के ऊपर (पलकों पर) लगाने से आँख का फड़कना बंद हो जाता है और नेत्रों की ज्योति बढ़ती है |
३- आधा चम्मच दालचीनी चूर्ण को दो चम्मच मधु के साथ सुबह शाम सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है |
४-दालचीनी का तेल पेट पर मलने से आंतों का खिंचाव दूर हो जाता है |
५- शहद और दालचीनी मिलाकर रोग ग्रसित भाग पर लगाने से थोड़े-ही-दिनों में खाज-खुजली तथा फोड़े-फुंसी जैसे चर्म रोग नष्ट हो जाते हैं |
हानि - इसकी अधिक मात्रा उष्ण प्रकृति वालों को सिरदर्द पैदा करती है | दालचीनी गर्भवती स्त्रियों को नहीं देनी चाहिए |
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