Friday, 2 October 2015

कष्ट निवारक प्रयोग ) ( उपचार )


















 कष्ट निवारक प्रयोग ) ( उपचार )

१. आंते घायल हालत में हो निवारक प्रयोग :-यदि खान - पान से आँतों में घाव हो गये हो तो कच्ची मुली और उसके नर्म पत्ते रोज़ खाइए | घाव भर जायेंगे , सूज़न उतर जायगी | मवात निकलता होगा तो वह भी बंद हो जायगा | आँतों में कीड़े होंगे तो वे मर- खपकर निकल जायेंगे | उचित तरीका यह हें कि दांतों से अच्छी तरह काट- कुचलकर मूली खाई जाए | 

विशेष बात  = आँतों में घाव हो तो कुछ दिन नमक खाना बिलकुल छोड़ दे | और यदि पेट (आंत ) में कीड़े हो तो नमक लगाकर मूली खाए |

२. छाती का दर्द निवारक प्रयोग :- अदरक का रस चालीस बुँदे और मिश्री एक ग्राम एक साथ मिलाकर सेवन करने से छाती का दर्द मिटता हें |

३. पसली का दर्द निवारक प्रयोग :- गरम ताज़ा दूध में तीन- चार इलाइची पीसकर मिला ले और एक चुटकी भर हल्दी डालकर उसे रात को सोते समय रोगी को पिलायें | सुबह लगेगा जेसे रात को दर्द उठा ही नहीं था |

४. छाती में जलन निवारक उपाय :- जीरे और धनिये का चूरन समभाग में लेकर शक्कर के साथ सेवन करने से अम्लपित के कारण छाती में होने वाली जलन ठीक हो जाती हें |

५. सीने में जलन निवारक प्रयोग :- सीने में जलन होने पर २५०मि.ली. ताज़े ठन्डे पानी में एक नींबू निचोड़कर पीये | सीने की जलन के साथ- साथ दिल की घबराहट भी समाप्त हो जात्ती हें |

६. दिल के कष्ट निवारक प्रयोग :-
(अ)..अनार के रस में मिश्री डालकर पीने से दिल की जलन शांत हो जाती हें | 
(ब) ..छ: ग्राम मेथीदाना के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से पुराना ह्रदय रोग मिटता हें | जरुरत के अनुसार आप प्रयोग करते रहे |

७. पेट दर्द निवारक प्रयोग :- 
(अ)..पीपल के ताज़े पत्ते दो को पीसकर उसमे गुड मिलाकर सेवन करे | पेट दर्द दूर होगा | 
(ब)...भुने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु ( गेस ) बाहर निकल जाती हें | और कमर दर्द में भी आराम आ जाता हें | 

८. आफरा निवारक प्रयोग :- एक ( tea-spoon ) चम्मच पोदीने का रस , दो (tea - spoon ) चम्मच शहद , एक चम्मच ( tea- spoon ) चम्मच नींबू का रस - एक साथ मिलाकर पीने से आफरा खत्म हो जाता हें | 

९. पेट फूलने पर निवारक प्रयोग :- सोफ़ को पानी में रात्रि के समय भिगो दे और उस सौफ के पानी को थोडा - सा दूध में मिलाकर पिलाते रहे , पेट फूलना बंद हो जाता हें | 

१०. भयंकर कमर दर्द और स्लिपडिस्क ( slip disc ) में ग्वारपाठा प्रयोग:- 
ग्वारपाठा ( धृतकुमारी ) लाकर उसका छिलका उत्तार ले | गुदा को कुचलकर बारीक़ पीस ले | अब अंदाज से उसमे आटा मिला ले | फिर देसी घी में उसे भुनकर खांड मिलाकर हलवा बना ले और बीस - बीस ग्राम के लड्डू बना ले | आवश्कतानुसार तीन- चार सप्ताह तक नित्य सुबह खाली पेट एक लड्डू खाते रहने से भयंकर कमर दर्द समाप्त हो जाता हें | 

११. पेशाब रोग निवारक प्रयोग :- 
(अ)..पेशाब में रुकावट हो तो छाछ में हरा धनिया पीसकर उसे मिला कर पीये | 
( ब) ..यदि बिस्तर में पेशाब निकल जाने का रोग हो तो बीज निकले चार मुनक्का सोते समय पानी से एक सप्ताह ले |
(स) ..सफेद जीरा भुन कर पीस ले | इसमें इसी मात्रा में पित्त्ता मिश्री मिला ले | इसे एक - एक घंटे से , एक छोटा चम्मच भर पानी के साथ दिन में बार - बार लेते रहें | इससे पेशाब की जलन के साथ ही पेशाब की रूकावट भी दूर हो जाती हें |

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.