Saturday, 23 August 2014

वाटर रिटैंशन के लक्षण और कैसे करें बचाव

















वाटर रिटैंशन के लक्षण और कैसे करें बचाव

क्या आपको अक्सर ऐसा लगता है कि रातों-रात आपके पेट या अन्य अंगों के आस-पास कुछ इंच की बढ़ौतरी हुई है? क्या आप आराम से जो अंगूठियां एक-दो दिन पहले पहना करती थीं वे अचानक टाइट हो गई हैं? क्या आपके जूते अचानक आपकी त्वचा में धंसने लगे हैं?देखा जाए तो ये सब वास्तव में वाटर रिटैंशन (शरीर में पानी का जमाव) या एडेमा के लक्षण हैं। 

अधिकांश लोगों में पानी की थोड़ी मात्रा जमा हो जाती है जो बहुत सामान्य बात है। फिर भी महिलाओं में पानी अधिक मात्रा में जमा होता है। ऐसा पी.एम.एस. यानी प्री-मैंस्ट्रुअल सिंड्रोम के दौरान उनके शरीर के हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण होता है। पी.एम.एस. महिलाओं में वाटर रिटैंशन का मुख्य कारण है। यह समस्या अपने भीतर छुपी स्वास्थ्य संबंधी कई अन्य जटिलताओं का लक्षण भी हो सकती है जैसे गुर्दे की बीमारी, थाइरॉयड, हृदय या लिवर की घटिया कार्यप्रणाली इत्यादि।

अधिक पानी पिएं 
वाटर रिटैंशन से निपटने का सबसे प्रभावशाली उपाय है कि दिन भर में आप अपने शरीर को पर्याप्त मात्रा में तरल की आपूर्ति करें। इसका सीधा सा तर्क है कि जितना अधिक आप पानी पिएंगी उतना अधिक आपके शरीर में से तरल बाहर निकलेगा। जितना कम आप पानी पिएंगी उतना अधिक आपके शरीर में जमा होता जाएगा। ऐसे में यह यकीनी बनाएं कि आप अपने शरीर को वाटर रिटैंशन से बचाने के लिए औसतन 10-12 गिलास पानी का सेवन रोज करें।

आपकी डाइट का भी है रोल
एक संतुलित डाइट वाटर रिटैंशन को रोकने में सहायक होती है। सोडियम की कम मात्रा वाली डाइट (कम नमक, कम अचार, कम पापड़, कम पनीर, कम मक्खन तथा कम प्रोसैस्ड डिब्बाबंद खाद्य) तथा पोटाशियम की उच्च मात्रा वाली डाइट (केला, आड़ू, अलूचे, खरबूजे इत्यादि) शरीर में इलैक्ट्रोलाइट संतुलन को सही रखने में सहायक होते हैं जिससे शरीर में थुलथुलेपन को रोका जा सकता है। क्रेनबेरीज, विटामिन सी से भरपूर संतरों, नींबू तथा अन्य सिट्रैस फलों जैसे डाईयूरैटिक फलों के सेवन के साथ ही खीरा, सलाद पत्ता, अजवायन तथा टमाटर, पत्ता गोभी, गाजर तथा मिर्च इत्यादि  के सेवन से कोशिकाओं में ओस्मोलैरिटी के सही निर्माण में सहायता मिलती है जिससे शरीर में वाटर रिटैंशन की प्रक्रिया रोकी जा सकती है।

एडेमा या वाटर रिटैंशन को रोकने के लिए अल्कोहल का कम सेवन, एंटीइंफ्लामेट्री ड्रग्स, गर्भ निरोधक गोलियां, चाय, कॉफी तथा कोला का सेवन सीमित मात्रा में करने से भी काफी सहायता मिलती है। अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन सी 6 की गोलियां तथा प्राइमरोज ऑयल कैप्सूल भी कोशिकाओं में जमा हुए पानी की मात्रा को कम करते हैं।

जीवनशैली में बदलाव लाएं
खुद को वाटर रिटैंशन से बचाने के लिए और फिट रहने के लिए जीवनशैली में निम्नलिखित परिवर्तन लाएं...
-नियमित कसरत को सुनिश्चित बनाएं।
-लम्बे समय तक खड़े न रहें।
-अधिक टाइट कपड़े न पहनें।
-अपनी टांगों को जितना संभव हो सके ऊंचा रखें इससे शरीर में वाटर रिटैंशन की अधिकता को रोका जा सकता है।

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