Monday, 19 May 2014

स्वास्थ्य व सौंदर्य का दुश्मन मोटापा
















स्वास्थ्य व सौंदर्य का दुश्मन मोटापा

मनपसन्द खान-पान और आराम-तलब जीवनशैली की देन मोटापा- जो स्वयं में कोई रोग नहीं दिखते हुए भी वास्तव में रोगों का घर साबित होता है । यदि किसी व्यक्ति का वजन उसकी लम्बाई के अनुपात से 20 किलो भी ज्यादा हो तो इसका मतलब उसने अपने शरीर पर 20किलो वजन की ऐसी गठरी लाद रखी है जिसे उसे हर समय उठाकर चलना ही है ।

अधिक वजन वाले व्यक्तियों के शरीर के प्रत्येक अंग को सामान्य वजन के व्यक्तियों की तुलना में अधिक कार्य करना पडता है । उनके दिल को सिर्फ शारीरिक अवयवों तक ही खून नहीं पहुँचाना पडता बल्कि बढी हुई चर्बी के कोषों तक भी खून भेजना होता है । फेफडों को अतिरिक्त वायु बढी हुई चर्बी की तह के लिये भेजनी पडती है . गुर्दों को अधिक पेशाब छानना पडता है । इनके भोजन की मात्रा भी सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होने के कारण पाचक अंगों को भी ज्यादा काम करना पडता है । आंतों को उस भोजन को पचाने में अधिक श्रम करना पडता है और सोते समय आराम के क्षणों में भी मोटे व्यक्तियों की अधिक उर्जा खर्च होती है । निष्कर्ष ये कि मोटे व्यक्ति अपने आप के लिये ऐसे खर्चीले इंजन साबित होते है जो अपनी शक्ति का अधिकांश हिस्सा अपना वजन ढोने में ही खर्च कर रहे होते है ।

रोगों की दृष्टि से समझा जाये तो ह्रदय रोग तो मोटे व्यक्तियों में होना आम स्थिति होती है, इसके अलावा मधुमेह (शुगर), उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), जोडों का दर्द और केन्सर तक के खतरे इनके साथ सामान्य वजन के व्यक्तियों की तुलना में कहीं अधिक रहते हैं । इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इस समस्या के कारण कम हो जाने से बीमारी की अवस्था में इन्हें अधिक लम्बे समय तक रोगों से लडते रहना पडता है जहाँ प्रायः रोग ही इन पर अधिक भारी साबित होते हैं और कई बार औसत से कम उम्र में बीमारियां इनके प्राणों पर भारी साबित होती हैं ।

यदि मोटापे के कारणों पर चर्चा की जावे तो आलू, चांवल, सभी तरह के तले पदार्थ, मिठाईयों का अधिक सेवन, रात को देर तक जागकर सुबह देर तक सोये रहना । इन पूर्ववर्ती कारणों के अलावा आजकल जो अतिरिक्त कारण इस समस्या को बढावा देने में जुड गये हैं वे हैं फास्टफूड- पिज्जा, बर्गर के साथ ही कोल्ड ड्रिंक का निरन्तर बढता प्रयोग । इनके नियमित सेवन के साथ जब बच्चे टी. वी., कम्प्यूटर के सामने देर तक बैठकर अपने मनपसन्द टी. वी. शो या कम्प्यूटर पर मनोरंजक गेम खेल रहे होते हैं तो बालपन से ही यह समस्या तेज गति से इन्हे अपनी गिरफ्त में ले लेती है ।

यदि आपका पेट औसत से अधिक बढ रहा है तो ये इस बात का सूचक भी है कि आप मोटापे की गिरफ्त में तेजी से आते जा रहे हैं । अतः यदि आप इस स्थिति से बचना चाहते हैं तो उपरोक्त वर्णित कारणों का त्याग करने के साथ ही निम्न उपाय पर नियमित अमल करने का प्रयास करें-

1. सुबह उठते ही एक गिलास पानी में एक निंम्बु का रस मिलकर लें । 

2. तत्पश्चात 20 मिनिट के लिये तेज चाल से घूमने या दौडने और कम से कम 20 मिनिट के लिये कसरत, योगाभ्यास या स्वीमिंग का अनिवार्य क्रम अपनी जीवनचर्या में बनालें ।

3. वापसी के बाद एक सेवफल के लच्छे कसवाकर और यदि गाजर उपलब्ध हो तो उसमें एक गाजर के कसे हुए लच्छे मिलवाकर नाश्ते के रुप में उसका सेवन करके कुछ समय रुककर ही न्यूनतम मिठास की चाय या गाय के दूध का सेवन करें ।

4. भोजन में गेहूँ की चपाती खाना बन्द करके देशी चने व जौ का बराबर अनुपात में मिक्स आटा पिसवाकर उसकी रोटी खाना प्रारम्भ करदें । अपनी भूख से एक या सम्भव हो तो दो रोटी कम खाएँ । उसकी पूर्ति कच्चे सलाद की अधिकतम मात्रा अपने आहार में बढाकर करें । भोजन के पश्चात एक या दो घूंट से अधिक पानी न पिएँ । भोजन के एक घंटे बाद ही पानी पिएँ ।

5. चांवल के मांड में स्वाद के मुताबिक सेंधा नमक मिलाकर उसे कुनकुना गर्म पीने की कुछ समय आदत बनालें । 

6. पालक का 50 ग्राम ज्यूस निकलवाकर व उसमें 10 ग्राम नींबू का रस मिलाकर प्रतिदिन पीने की आदत बनालें । 

7. शाम को भी नियमित शौचक्रिया जाने का प्रयास करें । आपके नियमित प्रयास करने से शरीर की निश्चित ही वैसी आदत भी बन जाएगी । शाम का भोजन अत्यधिक हल्का रखें । यदि सम्भव हो सके तो शाम को कच्चे सलाद व मौसमी फल से ही गुजारा करने का प्रयास करें ।

8. शाम को एक बर्तन में पानी लेकर उसमें एक मुट्ठी अजवायन डालकर उस पानी को उबलवालें । फिर उसपर दूध ढकने की जाली ढककर व दो नेपकीन लेकर उस जाली पर बारी-बारी से नेपकीन गर्म करके सहते-सहते गर्म नेपकीन से सीने के नीचे से लगाकर पेट की नाभि तक लगभग 20 मिनीट नियमित सेक करने की आदत बनालें । इससे पेट का मोटापा घटाने में विशेष सफलता मिल सकेगी । अजवायन युक्त यह पानी तीन दिन तक गर्म करके आप उपयोग में ले सकते हैं ।

9. सोने के दो घण्टे पहले बिना मलाई का या सप्रेटा या गाय का दूध अथवा न्यूनतम मिठास की चाय पीकर सोते समय कब्जीना चूर्ण या त्रिफला चूर्ण पानी के साथ लेकर सोने की आदत बनालें ।

इन उपायों को करने के साथ ही फास्टफूड, कोल्ड ड्रिंक, आलू, चावल, तले पदार्थ व मिठाईयों का सेवन यथासम्भव पूरी तरह से बन्द करदें । इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि मोटापा दो-चार दिनों में नहीं बढा है बल्कि लम्बे समय तक खानपान व रहन-सहन की अनुचित आदतों के कारण ही बढा है अतः इन उपायों को भी लम्बे समय का लक्ष्य बनाकर ही प्रयत्न आरम्भ करें । अलबत्ता उपचार प्रारम्भ करने के पूर्व अपना वजन व पेट तथा शरीर के वे अंग जिनपर अधिक चर्बीयुक्त मोटापा दिखाई देता है उनका माप लेकर एक डायरी में नोट करलें और फिर लगभग प्रति माह अपनी प्रोग्रेस स्वयं चेक करते चलें ।

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