Thursday 24 July 2014

नाशपाती (PEAR )













नाशपाती (PEAR )-

भारत में नाशपाती का पेड़ उत्तर -पश्चिमी हिमालय,हिमाचल प्रदेश,जम्मू-कश्मीर,पंजाब,उत्तराखंड में ७००-२६०० मी की ऊंचाई तक पाया जाता है | यह जंगली ,पहाड़ी,बागी,तथा चीनी भेद से चार प्रकार की होती है | इनमें से पहाड़ी एवं बागी नाशपाती विशेषतः कोमल मधुर व रसीली होती है | आकृति में सुराही जैसी होती है | इन्हें ही नाख या नाक कहते हैं | शेष नाशपाती खट्टी या खट्टी मीठी होती है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल फ़रवरी से सितम्बर तक होता है | 
आइये जानते है नाशपाती के कुछ औषधीय प्रयोग -

१- दस से बीस मिली नाशपाती फल के रस में शक़्क़र डालकर पीने से सिर के दर्द में लाभ होता है | 

२- नाशपाती के फलों का सेवन करने से फेफड़ों के विकारों में लाभ होता है | 

३- नाशपाती का सेवन करने से पाचनतंत्र से सम्बंधित बीमारियों में लाभ होता है | 

४- दस से बीस मिली नाशपाती रस में एक से दो ग्राम बेलगिरी चूर्ण मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त में लाभ होता है 

५- पंद्रह से बीस नाशपाती फल स्वरस में सेंधानमक,काली मिर्च तथा भुना हुआ जीरा मिलाकर पिलाने से अरुचि में लाभ होता है | 

६- नाशपाती के मुरब्बे में २५० ग्राम नागकेशर चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है | 

७- नाशपाती के पत्रों को पीसकर त्वचा पर लगाने से त्वचा विकारों में लाभ होता है तथा घाव में लगाने से घाव जल्दी भरता है |

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