मधुमेह निवारक लाभकारी प्रयोग
(१). उपाय:- जीरा पचास ग्राम, काली मिर्च पचास ग्राम , फूलदार लोंग दस ग्राम इन तीनो को पीसकर तीन बार छानकर शीशी में भर ले। दवा तेयार हे | अब इस दवा की आधा चाय का चम्मच मात्रा मे सुबह व इतनी ही मात्रा में शाम को भी ठन्डे पानी के साथ लेने से शुगर नियंत्रित रहती है।
(२). उपाय :- मधुमेह के रोगी मधुर रस का सेवन न करते हुए अमरुद के पांच कोमल और ताज़े पत्ते तोड़े हुए लेकर पानी से धोकर रात को कांच के गिलास में पानी भरकर ये पत्ते डाल कर रख दे। सुबह इन पत्तों को इसी पानी में ठंडाई की तरह पीसकर छान ले और पी ले। सिर्फ सुबह एक बार सात दिन तक सेवन कर शुगर की जांच करा ले।
(३). उपाय :- जौं को आटा ( पांच भाग ) और चने का आटा ( एक भाग ) मिलाकर इसकी रोटी बनाए और इससे चौगनी मात्रा में सब्जी के साथ खाए।
अथवा यदि केवल चने की रोटी आठ - दस दिन खाए तो पेशाब में शक्कर जाना बंद हो जाता है।
अथवा इसके अलावा जों को भुनकर आटे की तरह पीसकर रोटी बनाकर खाना बहुत लाभप्रद है।
(४). उपाय :- केवल दही , कम रस वाले फल , साग - सब्जियां ,खाकर दो से तीन सप्ताह तक लेते रहने से मूत्र से चीनी गायब हो जाती हे | रोटी या अल्प चावल के साथ - साथ इससमे चौगनी मात्रा में साग - सब्जियां खाना लाभप्रद है।
(५). उपाय :- शुगर के मरीज को अपनी शक्ति और सामर्थ के अनुसार
३-से -५ किलोमीटर की सेर रोज करनी चाहिए।
--पानी को घूंट- घूंट करके ही पीना चाहिए।
--सर्वांग शरीर पर तेल की मालिश लाभप्रद हे।
--जहां तक हो सके दोपहर को सोये नहीं।
--एक स्थान पर ज्यादा देर तक न बेठे।
शुगर में लाभकारी :- निम्बू, मोसमी, आवला, अदरख, हल्दी, करेला, मेथीदाना, मेथी का साग, चने का साग, मुंग छिलका, बथुआ, पालक, चोलाई, रेशेदार छिलके वाली दाल, मूली, शलगम, पुदीना, घीया, सोयाबीन, मटर, चना, खीरा, पपीता, सेम, टमाटर, तोरई, जामुन, ककड़ी, गाय या बकरी का दूध, भीगे बादाम, कम मीठे व कसेले फल, फालसे, चना व जों की बनी रोटी, अंकुरित आहार, सेब, तिल का तेल, सोयाबीन का तेल , सरसों का तेल, मकई का तेल, सलाद, मक्का की रोटी, बेलपत्र, धनिया, दही, चना व जों के आटे की रोटियाँ
शुगर में हानिकारक :- घी, मलाई, चिकनाई युक्त चीज़ें, मिठाई, मावा, खोया, तीखी व तली हुई वस्तुएं, मूंगफली व सुखा नारियल, चीनी, गुड, शहद, कोल्डड्रिंक, गन्ने का रस, आइसक्रीम, आम, अनानास, केला, खरबूजा, ज्यादा नमक का सेवन, बेकरी उत्पादन, कम परिश्रम, मोटापा, तनाव, धुम्रपान, ग्लूकोस बढ़ाने वाले वस्तुएं, ज्यादा दिमागी काम, दिन में सोना, नया चावल, गरम चीज़े, ज्यादा मीठे फल, आलू, अंजीर, शक्कर, भय, शोक, चिंता, आदि।
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