मालिस:तेल मालिश से दमकाएँ चेहरा
यह एक महीना मालिस के लिए सर्वोत्तम है पूरे साल नीरोगी और एक्टिव रहने के लिए
सुबह की कुनकुनी धुप में कम से कम कपड़ों में लेट कर मालिस करने से आपकी नस-नाड़ी और मांस-पेसियां सबल होती है, रक्त संचार बढ़ता है, रोम कूप खुल जाते हैं, पुराने कोष झड जाती है सारे विजातीय द्रव्य बाहर निकल जाते हैं.
मालिस करने से भूख भी खुल कर लगती है, पूरे शरीर में प्रसन्नता की लहर दौड़ने लगती है.
सूर्य की किरणों विटामिन डी का सर्वोत्तम स्त्रोत है
इसके पश्चात गुनगुने जल से शरीर रगड़ते हुए स्नान करने के बाद पूरा शरीर और दिमाग खुल जाता है
चेहरे पर तिल के तेल से मालिश करनी चाहिए। उँगलियों, अँगूठे द्वारा हल्के-हल्के पूरे चेहरे पर मालिश करने से चेहरा आकर्षक व कांतिवान बनता है, झुर्रियाँ समाप्त होती हैं एवं त्वचा की शुष्कता कम होती है।
वात प्रकृति वाले व्यक्ति को तिल के, कफ प्रवृत्ति वालों को सरसों एवं पित प्रवृत्ति वालों को नारियल के तेल से मालिश करना चाहिए।
गले के नीचे सरसों के तेल एवं सिर व चेहरे पर तिल के तेल से मालिश करने से अत्याधिक लाभ मिलता है।
बदन को गर्म रखने में सरसों का तेल लाभप्रद होता है, वहीं तिल का तेल मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करना है।
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