बेल पत्र के औषधीय प्रयोग ----
- बेल पत्र के सेवन से शरीर में आहार के पोषक तत्व अधिकाधिक रूप से अवशोषित होने लगते है |
- मन एकाग्र रहता है और ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है |
- इसके सेवन से शारीरिक वृद्धि होती है |
- इसके पत्तों का काढा पीने से ह्रदय मज़बूत होता है |
- बारिश के दिनों में अक्सर आँख आ जाती है यानी कंजक्टिवाईटीस हो जाता है . बेल पत्रों का रस आँखों में डालने से ; लेप करने से लाभ होता है |
- इसके पत्तों के १० ग्राम रस में १ ग्रा. काली मिर्च और १ ग्रा. सेंधा नमक मिला कर सुबह दोपहर और शाम में लेने से अजीर्ण में लाभ होता है |
- बेल पत्र , धनिया और सौंफ सामान मात्रा में ले कर कूटकर चूर्ण बना ले , शाम को १० -२० ग्रा. चूर्ण को १०० ग्रा. पानी में भिगो कर रखे , सुबह छानकर पिए | सुबह भिगोकर शाम को ले, इससे प्रमेह और प्रदर में लाभ होता है | शरीर की अत्याधिक गर्मी दूर होती है |
- बरसात के मौसम में होने वाले सर्दी , खांसी और बुखार के लिए बेल पत्र के रस में शहद मिलाकर ले |
- बेल के पत्तें पीसकर गुड मिलाकर गोलियां बनाकर रखे. इसे लेने से विषम ज्वर में लाभ होता है |
- दमा या अस्थमा के लिए बेल पत्तों का काढा लाभकारी है|
- सूखे हुए बेल पत्र धुप के साथ जलाने से वातावरण शुद्ध होता है|
- पेट के कीड़ें नष्ट करने के लिए बेल पत्र का रस लें|
- एक चम्मच रस पिलाने से बच्चों के दस्त तुरंत रुक जाते है |
- संधिवात में बेल पत्र गर्म कर बाँधने से लाभ मिलता है |
- महिलाओं में अधिक मासिक स्त्राव और श्वेत प्रदर के लिए और पुरुषों में धातुस्त्राव हो रोकने के लिए बेल पत्र और जीरा पीसकर दूध के साथ पीना चाहिए|
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