हजारों गुणों की खान संतरा ..
विटामिन सी से भरपूर संतरा पोषकीय तत्वों और रोग निवारक क्षमताओं से युक्त एक अत्यंत उपयोगी फल है। मुलायम छिलके वाला, रेशेदार, रसीला और खट्टा-मीठा संतरा हर उम्र के लोगों के पसंदीदा फलों में एक है। सीमित मात्रा में संतरा खाना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। इसका जूस तो सदियों से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इसका रस शरीर के अंदर पहुंचते ही रक्त में रोग निवारणीय कार्य प्रारंभ हो जाता है। इसमें पाए जाने वाले ग्लूकोज एवं डेक्सट्रोज जैसे जीवनशक्ति प्रदान करने वाले तत्व पचकर शक्तिवर्धन का कार्य करने लगते हैं। इसका रस अत्यंत दुर्बल व्यक्ति को भी दिया जा सकता है।
संतरे में मौजूद पोटेशियम व फोलिक एसिड, कैल्शियम और कोलेस्ट्रॉल के स्तर तथा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। ये तत्व कोशिकाओ में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन करके हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं। पोटेशियम मस्तिष्क में ऑक्सीजन के संचार में सहायता करता है, जिससे तनाव और अवसाद में राहत मिलती है।
विटामिन ए और कैल्शियम से भरपूर संतरे के नियमिन सेवन से हड्डी और दांत के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। यह कुछ हद तक ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में भी सहायक है।
फाइबर का अच्छा स्रोत होने के कारण संतरा चीनी को फ्रूटोस में बदल देता है। इस तरह संतरा मीठा होने के बावजूद चीनी के स्तर को नियंत्रित करके मधुमेह से पीडित व्यक्तियों के लिए बेहतर पेय साबित होता है।
संतरे के लाभ की बात करें तो संतरे में पाये जाने वाले उपयोगी तत्वों के कारण यह अनेक शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाता है। मितली और उल्टी में संतरे के रस में थोड़ी सी काली मिर्च और काला नमक मिलाकर लिया जाना लाभकारी रहता है। कब्जियत होने पर संतरे के रस का शर्बत और शिकंजी के साथ काला नमक, काली मिर्च और भुना जीरा मिलाकर लेना लाभकारी रहता है।
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