Monday 24 March 2014

मेहँदी या हिना
























मेहँदी या हिना

-पैरों में छाले: अगर पैर में छाले हो जाए या चप्पल काट खाए तो नारियल के तेल में मेंहदी मिलाकर उस स्थान पर लगाएं। छालों में होने वाली की जलन से तुरंत आराम मिल जाएगा।
- चोट लगने पर: शरीर के किसी हिस्से में चोट लग जाए और दर्द सहा न जाये तो मेंहदी के पत्तों को पीस कर उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उस स्थान पर बांधे। इससे आपको जल्द ही दर्द में राहत मिलेगी।
- मुंह में छाले: मुंह में होने वाले छाले बहुत तकलीफ देते हैं। इसके लिए मेंहदी के पत्तों को रात में साफ पानी में भिगों दें। सुबह पत्तों को पानी से निकालकर इस पानी से कुल्ला करें। छाले जल्द ही ठीक हो जायेंगे।
- टीबी में मददगार: मेंहदी में टीबी जैसी घातक बीमारी को दूर भगाने के गुण होते है। एंटीबैक्टरियल होने के नाते यह टीबी से रोग से लड़ने में मददगार हो सकता है। इसकी पत्तियों को पीसकर इस्‍तेमाल करने से टीबी की बीमारी में राहत मिलती है लेकिन ऐसा करने से पहले डॉक्‍टर से सलाह अवश्‍य लें।
- पेट की बीमारी: मेंहदी में कई ऐसे गुण होते है जिनसे पेट में होने वाली बीमारी में आराम मिलता है। आर्युवेद में मेंहदी को कई तरीके से बनाकर पेट की बीमारियों की दवा में शामिल किया जाता है। इसे सेवन से किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होता है।
- दर्द में आराम: मेंहदी की तासीर ठंडी होती है जो दर्द में आराम दिलाती है। अगर सिर में दर्द हो रहा हो, तो मेंहदी की पत्तियों को पीसकर इसका लेप लगा लें। इससे दर्द से तुंरत राहत मिल जाएगी। माइग्रेन के दर्द के लिए हीना एक अच्छा प्राकृतिक उपचार है।
- जलन कम करें: अगर कहीं चोट लगा जाये या जल जाए तो मेंहदी की पत्तियां पीसकर लगाने से राहत तुरंत मिलती है। इसमें ठंडक होती है जिसके कारण जलन शांत हो जाती है। त्‍वचा की जलन सबसे अच्‍छी तरह से मेंहदी से ही ठीक होती है।
- बालों को अच्‍छा बनाएं: बालों में रूसी या अन्य कोई समस्या हो तो हीना का प्रयोग करें। यह बालों का प्राकृतिक कंडीशनर है जिससे बालों में चमक आती है। बालों में हल्‍का रंग भी इसे लगाने से आता है जो काफी लम्‍बे समय तक चढ़ा रहता है।
- गर्मी दूर करे: मेंहदी बहुत ठंडी होती है जिसके कारण इसमें कई गुण समाएं रहते है। हिना की पत्तियां, शरीर से गर्मी को दूर भगाती है। अगर आप पैरों में मेंहदी का लगाएं तो आपको गर्मी या लू नहीं लगेगी। यह काफी प्रभावशाली होती है।
- तुलसी के चालीस पचास पत्तों को मेहँदी के दस बीस पत्तों के साथ अपने तकिये के नीचे बिछा दें और आँख बंद कर आराम से लेट जाए मीठी नींद आ जायेगी ।
- विवाहोच्छुक कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहां पर कन्या को मेहँदी लग रहे हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस कन्या के हाथ से लगवा ले तो विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है|
- सरसों के तेल में मेहँदी के पते उबालकर उस तेल की मालिश सिर में करने से स्वस्थ बालों का विकास होता है. 
- एलोवेरा का जूस मेहँदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार तथा स्वस्थ रहते हैं। 
- चुकंदर के ताज़े पत्ते मेहँदी के साथ पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है.
- मेंहदी की पत्तियाँ किताबों और कपडों में लगने वाले कीडों को आसपास भी भटकने नहीं देती। मेंहदी की 5-10 सूखी पत्तियों को किताबों और कपडों की अलमारियों में रखिए, कीडे नही पडेंगे।
- मेहँदी, नीम और बेर की पत्तियाँ, पोदीना और अमरबेल, इन सबको पानी से धो साफ करके, सिल पर पानी के छींटे मारते हुए पीसकर लुगदी बना लें। लोहे की कढ़ाई में काले तिल या नारियल का तेल डालकर लुगदी डाल दें और आँच पर चढ़ाकर गर्म करें।
इसे इतनी देर तक तपाएँ कि लुग्दी जलकर काली पड़ जाए और तेल से झाग उठने लगें। अब कढ़ाई उतारकर किसी सुरक्षित स्थान पर ढँककर तीन दिन रखें। चौथे दिन तेल को कपड़े से छानकर ढक्कनदार काँच की बोतलों में भर लें। बस तेल तैयार है।रात को सोने से पहले कटोरी में तेल लेकर, दोनों हाथों की उँगलियाँ तेल में डुबोकर बालों की जड़ों में लगाकर 15-20 मिनट तक मालिश करें। इस प्रयोग से बाल जड़ से काले पैदा होने लगते हैं, सिर में ठण्डक बनी रहती है और गहरी नींद आती है, यानी अनिद्रा रोग गायब हो जाता है।
इस तेल का प्रयोग करते समय किसी भी प्रकार का तेल, साबुन या शैम्पू का प्रयोग करना सख्त मना है। बालों को धोने के लिए मुल्तानी मिट्टी या खेत की मिट्टी पानी में गलाकर कपड़े से छान लें और छना हुआ पानी बालों में लगाकर मसलें फिर साफ पानी से बालों को पोंछकर सुखा लें। बाल गीले न रखें, पूरी तरह बाल सूखने पर ही तेल लगाएँ।
- पिसी हुई सूखी मेहँदी एक कप, कॉफी पावडर पिसा हुआ 1 चम्मच, दही 1 चम्मच, नीबू का रस 1 चम्मच, पिसा कत्था 1 चम्मच, ब्राह्मी बूटी का चूर्ण 1 चम्मच, आँवला चूर्ण 1 चम्मच और सूखे पोदीने का चूर्ण 1 चम्मच। इतनी मात्रा एक बार प्रयोग करने की है। इसे एक सप्ताह में एक बार या दो सप्ताह में एक बार अवकाश के दिन प्रयोग करना चाहिए।
सभी सामग्री पर्याप्त मात्रा में पानी लेकर भिगो दें और दो घण्टे तक रखा रहने दें। पानी इतना लें कि लेप गाढ़ा रहे, ताकि बालों में लगा रह सके। यदि बालों में रंग न लाना हो तो इस नुस्खे से कॉफी और कत्था हटा दें। पानी में दो घण्टे तक गलाने के बाद इस लेप को सिर के बालों में खूब अच्छी तरह, जड़ों तक लगाएँ और घण्टेभर तक सूखने दें।
इसके बाद बालों को पानी से धो डालें। बालों को धोने के लिए किसी भी प्रकार के साबुन का प्रयोग न करके, खेत या बाग की साफ मिट्टी, जो कि गहराई से ली गई हो, पानी में गलाकर, कपड़े से पानी छानकर, इस पानी से बालों को धोना चाहिए। मिट्टी के पानी से बाल धोने पर एक-एक बाल खिल जाता है जैसे शैम्पू से धोए हों।
लाभ : इस नुस्खे का प्रति सप्ताह प्रयोग करने से जहाँ बाल सुन्दर व मजबूत रहते हैं, वहीं सिर दर्द, अनिद्रा, शरीर की अतिरिक्त गर्मी, आँखों की जलन आदि व्याधियाँ दूर होती हैं। जिनके बाल अधपके होंगे वे इस नुस्खे के प्रयोग से काले दिखाई देंगे।

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