Monday, 10 March 2014

हरड़ के चमत्कार





















हरड़ के चमत्कार

ये सभी प्रयोग बार बार आजमाए गए हैं कभी असफल नहीं होते। संस्कृत मे हरीतकी, अभया, पथ्या, हिन्दी मे हरड़, हर्र, बांग्ला, मराठी, गुजराती, पंजाबी और तेलुगू मे भी हरीतकी या हरड़। English = Myrobalans
दवाई के लिए प्रायः बड़ी हरड़ का प्रयोग होता है। बाजार मे बड़ी हरड़ के टुकड़े मिलते हैं वह न ले। साबुत हरड़ ले जिसमे घुन न लगा हो। उसे तोड़ कर बीज निकाल दे। फिर इसे बारीक पीस ले। जो स्वयम नहीं पीस सकते वह बाजार से हरीतकी चूर्ण बना बनाया ले।

किसे हरड़ नहीं लेनी चाहिए 

मुंह बार सुख रहा हो और प्यास लग रही हो।
2 नाक मुंह या किसी अन्य अंग से खून बहता हो।
3 वर्षो से किसी ऐसे रोग का शिकार हो जिसमे खून की बहुत अधिक कमी हो गई हो।

पेट की गैस के लिए – बड़ी हरड़ की का चूर्ण मे समान गुड मिला ले । फिर इसकी मटर के दाने के बराबर गोली बना ले। यदि गोली बनाने मे दिक्कत हो तो थोड़ा सा पानी मिला कर गोली बना ले और धूप मे सूखा ले। यदि धूप मे न सुखाए तो गोलियों मे फफूंदी लग जाती है । या चूर्ण की तरह रख ले। इसे लगभग 1 ग्राम की मात्रा मे भोजन के बीच मे या भोजन के बाद पानी/ लस्सी से ले। पेट मे किसी भी कारण से गैस बनती हो लाभ जरूर होता है। पेट की गैस मे ये कभी भी असफल नहीं होती। बाजार मे उपलब्ध कोई भी गैस का चूर्ण या गोली इसके समान प्रभावशाली नहीं है।

अम्लपित्त के लिए – 100 ग्राम मुनक्का (बड़ी किशमिश/ दाख जिसमे बीज होता है) ले। इन्हे गरम पानी से धो ले। फिर बीज निकाल ले। उसके बाद इन्हे कूट ले और इसमे 50 ग्राम हरड़ का चूर्ण मिला ले। इसके बाद मटर के दाने के आकार की गोलीय बना ले। यदि गोली बनाने मे कुछ परेशानी हो तो कुछ बूंद शहद मिला ले। 1-2 गोली भोजन से पहले पानी से लेने से अम्लपित्त और पेट के अल्सर मे बहुत लाभ होता है।

चक्कर आने पर – पीपल (जिसे गरम मसाले मे मिलाते है), सौंठ (सुखी अदरक), सौंफ और हरड़ 25-25 ग्राम। गुड 150 ग्राम सबको मिला कर मटर के दाने के आकार की गोली बनाए। 1-2 गोली दिन मे 3 बार ले। चक्कर आना, सिर घूमना बंद हो जाएगा।

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