Tuesday, 10 May 2016

इमली (Tamarind)















इमली (Tamarind)

इमली का पेड़ सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाया जाता है। इसके अलावा यह अमेरिका, अफ्रीका और कई एशियाई देशों में पाया जाता है। इमली के पेड़ बहुत बड़े होते हैं। 8 वर्ष के बाद इमली का पेड़ फल देने लगता है। फरवरी और मार्च के महीनों में इमली पक जाती है। इमली शाक (सब्जी), दाल, चटनी आदि कई चीजों में डाली जाती है। इमली का स्वाद खट्टा होने के कारण यह मुंह को साफ करती है। पुरानी इमली नई इमली से अधिक गुणकारी होती है। इमली के पत्तों का शाक (सब्जी) और फूलों की चटनी बनाई जाती है। इमली की लकड़ी बहुत मजबूत होती है। इस कारण लोग इसकी लकड़ी से कुल्हाड़ी आदि के दस्ते भी बनाते हैं।

विभिन्न रोगों में उपयोग :

1. खूनी बवासीर (रक्त-अर्श):
इमली की छाल का चूर्ण बनाकर कपडे़ में छानकर सुबह तथा शाम गाय के दही के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।
खूनी बवासीर के रोग में इमली के पत्तों का रस पीने से बहुत लाभ होता है।
1 से 2 ग्राम इमली के बीजों की राख को दही के साथ मिलाकर चाटने से खूनी बवासीर मिट जाती है।

2. प्रमेह:
6 ग्राम इमली की छाल की राख को लगभग 55 ग्राम कच्ची गिरी के साथ मिलाकर 5-6 दिन तक सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
125 ग्राम इमली के बीजों को 250 मिलीलीटर दूध में भिगो दें। 3 दिन के बाद छिलके उतारकर, साफ करके पीस लेते हैं। इसे सुबह-शाम 6 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध या पानी से लेने से प्रमेह रोग दूर होता है।

3. पाण्डु (पीलिया) रोग:
10 ग्राम इमली की छाल की राख को 40 ग्राम बकरी के मूत्र में मिलाकर देने से लाभ मिलता है।
इमली को पानी में भिगोकर, मथ (मिलोकर) कर पानी पीना उपयोगी है।

4. बिच्छू के विष: इमली के सिंके हुए बीजों को घिसें, जब इसका सफेद भाग दिखे तो इसे डंक के स्थान पर लगा दें। यह बीज विश (जहर) चूसकर अपने आप ही हटकर गिर जाएगा।

5. सिर दर्द:
पानी में इमली को भिगोकर इसमें थोड़ी शक्कर मिलाकर सुबह और शाम को 2 या 3 बार पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
10 ग्राम इमली को 1 गिलास पानी में भिगोकर थोड़ा सा मसलकर और छानकर उसमें शक्कर मिलाकर पीने से पित्त से उत्पन्न सिर दर्द दूर होता है।

इमली की छाल का चूर्ण अथवा राख गर्म जल में डालकर पीने सिर दर्द में लाभ होता है।

6. चूहे के विष पर: 40 ग्राम इमली और 20 ग्राम धमासे को पुराने घी में मिलाकर 7 दिन तक खाने से चूहे का जहर उतर जाता है।

7. आंखों में दर्द: इमली के हरे पत्तों और एरण्ड के पत्तों को गर्म कर इसका रस निकाल लें, फिर इसमें फूली हुई फिटकरी और चना भर अफीम तांबे के बर्तन में घोंटे और उसमें कपड़ा भिगोकर आंखों में रखें। इससे आंखों के दर्द में लाभ होता है। 

8. अजीर्ण (पुरानी कब्ज): इमली की ऊपर की छाल को जलाकर, सोते समय लगभग 6 ग्राम गर्म पानी के साथ सेवन करने से अजीर्ण रोग में लाभ होता है। 

9. भूख कम लगना: इमली के पत्तों की चटनी बनाकर खाने से भूख तेज लगने लगती है। 

10. भांग के नशे पर: इमली को गलाकर उसका पानी पीने से भांग का नशा उतर जाता है।

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