रोज़ सुबह एक ग्लास ताज़ा छाछ पीना अमृत सेवन के सामान है.
इससे चेहरा चमकने लगता है.
- खाने के साथ छाछ पीने से जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है।छाछ कैल्शियम से भरी होती है।
- इसका रोजाना सेवन करने वाले को कभी भी पाचन सबंधी समस्याएं प्रभावित नहीं करती हैं। खाना खाने के बाद पेट भारी हो जाना अरूचि आदि दूर करने के लिए गर्मियों में छाछ जरुर पीना चाहिए।
- एसिडिटी- गर्मी के कारण अगर दस्त हो रही हो तो बरगद की जटा को पीसकर और छानकर छाछ में मिलाकर पीएं। छाछ में मिश्री, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर रोजाना पीने से एसिडिटी जड़ से साफ हो जाती है।
- रोग प्रतिरोधकता बढाए- इसमें हेल्दी बैक्टीरिया और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं साथ ही लैक्टोस शरीर में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है, जिससे आप तुरंत ऊर्जावान हो जाते हैं।
- कब्ज- अगर कब्ज की शिकायत बनी रहती हो तो अजवाइन मिलाकर छाछा पीएं। पेट की सफाई के लिए गर्मियों में पुदीना मिलाकर लस्सी बनाकर पीएं।
- खाना न पचने की शिकायत- जिन लोगों को खाना ठीक से न पचने की शिकायत होती है। उन्हें रोजाना छाछ में भुने जीरे का चूर्ण, काली मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक का चूर्ण समान मात्रा में मिलाकर धीरे-धीरे पीना चाहिए। इससे पाचक अग्रि तेज हो जाएगी।
- विटामिन- बटर मिल्क में विटामिन सी, ए, ई, के और बी पाये जाते हैं जो कि शरीर के पोषण की जरुरत को पूरा करता है।
- मिनरल्स- यह स्वस्थ पोषक तत्वों जैसे लोहा, जस्ता, फास्फोरस और पोटेशियम से भरा होता है, जो कि शरीर के लिये बहुत ही जरुरी मिनरल माना जाता है।
- यदि आप डाइट पर हैं तो रोज़ एक गिलास मट्ठा पीना ना भूलें। यह लो कैलोरी और फैट में कम होता है।
- हिचकी लगने पर मट्ठे में एक चम्मच सौंठ डालकर सेवन करें।
- उल्टी होने पर मट्ठे के साथ जायफल घिसकर चाटें।
- गर्मी में रोजाना दो समय पतला मट्ठा लेकर उसमें भूना जीरा मिलाकर पीने से गर्मी से राहत मिलती है।
- मट्ठे में आटा मिलाकर लेप करने से झुर्रियाँ कम पड़ती हैं।
- पैर की एड़ियों के फटने पर मट्ठे का ताजा मक्खन लगाने से आराम मिलता है।
- सिर के बाल झड़ने पर बासी छाछ से सप्ताह में दो दिन बालों को धोना चाहिए।
- मोटापा अधिक होने पर छाछ को छौंककर सेंधा नमक डालकर पीना चाहिए।
- सुबह-शाम मट्ठा या दही की पतली लस्सी पीने से स्मरण शक्ति तेज होती है।
- उच्च रक्तचाप होने पर गिलोय का चूर्ण मट्ठे के साथ लेना चाहिए।
- अत्यधिक मानसिक तनाव होने पर छाछ का सेवन लाभकारी होता है।
- जले हुए स्थान पर तुरंत छाछ या मट्ठा मलना चाहिए।
- विषैले जीव-जंतु के काटने पर मट्ठे में तम्बाकू मिलाकर लगाना चाहिए।
- कहा जाता है किसी ने जहर खा लिया हो तो उसे बार-बार फीका मट्ठा पिलाना चाहिए। परंतु डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- अमलतास के पत्ते छाछ में पीस लें और शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। शरीर की खुजली नष्ट हो जाती है।
Vinay Singh Ji aap yahan comment kam aur apne blog ki advertisement jyada kar rahe hain
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